अंक महज आंकड़े , प्रयोगात्मक दक्षता ही तुम्हारी सफलता... (Marks are just Number, Experimental efficiency is your success)
प्रिय जिया ,
तुमने हाल ही में अपनी परीक्षा दी है , एवं अब तुम रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रही हो । तुम्हें पूरी उम्मीद है की तुम अपनी कक्षा में टॉप करोगी , हम सब को भी तुमसे यही आशा रहती है की तुम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो । लेकिन हमने कभी तुम्हारे अंको को लेकर तुम्हारी सफलता या असफलता को नही आका क्योकि अंक महज आंकड़े है और सफलता दिलाने के लिए आंकड़ो का पूर्ण योगदान नहीं होता है । अगर तुम अपने स्कूल या क्लास में प्रथम स्थान हासिल न भी कर पाओ तो भी तुन्हें निराश या उदास नही होना है , बल्कि अपना आत्मविश्वाश एवं मनोबल बढाकर उन विषयों पर फोकस करना है जो तुम्हें कठिन लगते है। बार-बार अभ्यास करके तुम उन विषयों में भी अच्छा प्रदर्शन कर पाओगी । तुम अभी छोटी हो किन्तु कुछ समय बाद तुम्हें यह मोटीवेट करेगा। तुम कभी भी अंको के चक्कर में मत पढ़ना अपनी प्रयोगात्मक कार्य और दक्षता बनाये रखना वही तुम्हारी सफलता है । जब भी तुम अपना आत्मविश्वाश कम पाओ तब हरिवंश राय बच्चन की यह कविता को याद करना -
Dear Jiya,
You have recently given your exam, and now you are eagerly waiting for the result. You sincerely hope that you will top your class, we all hope that you do your best. But we have never measured your success or failure on your marks because the numbers are just figures and the figures do not contribute fully to get success. Even if you are not able to achieve first place in your school or class, you do not have to be disappointed or depressed, but instead increase your self-confidence and morale and focus on the topics which you find difficult. By practicing again and again you will be able to perform well in those subjects also. You are still small but after some time you will get this fatweight. You never read in the circle of marks, it is your success to maintain your experimental work and efficiency. Whenever you get less self-confidence then remember this poem of Harivansh Rai Bachchan -
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
इससे तुम्हारा आत्मविश्वाश बढेगा और तुम कभी हार नही मानोगी। तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामनाओ के साथ तुम्हे यह पत्र समर्पित ।
तुम्हारा मामा-
सुदर्शन सोलंकी
The boat does not cross fearing the waves,
Those who try are never defeated.
When the little ant walks with the grain,
Climbing walls, slips a hundred times.
Confidence in the mind fills the veins,
Climbing, falling and climbing does not exist.
After all, his hard work is not wasted,
Those who try are never defeated.
The diver dives into the Indus,
Goes and returns empty handed.
Pearls do not get comfortable in deep water,
Increasing double the excitement in this surprise.
The fist is not empty every time,
Those who try are never defeated.
Failure is a challenge, accept it,
What is missing, look and improve.
Until you succeed, you relinquish sleep,
Do not run away from the battlefield.
Jai Jai is not a car without doing anything,
Those who try are never defeated.
This will increase your confidence and you will never give up. Dedicate this letter to you with the wishes of your bright future.
Your uncle-
Sudarshan Solanki
Good
ReplyDeleteThank You....
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