बच्चों को बचाएं मोबाइल गेमिंग से... (Save kids from mobile gaming ...)
बच्चों में मोबाइल गेमिंग की लत बढ़ती ही जा रही है, आज कल बच्चे 7 घंटे या इससे भी ज्यादा का वक़्त मोबाइल पर गेम खेलने में बिताने लगे हैं। इसी कारण से बच्चे पढ़ाई में पिछड़ने लगे हैं जबकि परीक्षाएं अब काफी नजदीक हैं। ऐसे में पैरंट्स को अपने बच्चों को मोबाइल की लत से बचाना जरुरी हो गया हैं। क्योंकि बच्चों के इतने अधिक समय तक गेम खेलने से वह सिर्फ अपनी पढ़ाई में ही नहीं पिछड़ रहे बल्कि उनमें कई तरह के साइकोलॉजीकल डिसऑर्डर भी होने लगे हैं। आँखों पर भी इसका बुरा असर हो रहा है। फिजिकल एक्सरसाइज न होने के कारण बच्चों में शारीरिक व मानसिक समस्याएं होने लगी हैं। इसलिए बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने के लिए पैरेंट्स स्वयं बच्चों के सामने मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करे। बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी में इन्वॉल्व करे और उन्हें अकेले छोड़ने के बजाए उनके सोशलाइजेशन पर ध्यान दे। जिससे की बच्चें मोबाइल की लत से बचेंगे और परीक्षा में अच्छा परफॉर्मेंस देंगे साथ ही वह शारीरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रहेंगे।
( दिसंबर 2018)
The addiction of mobile gaming is increasing among children, nowadays children are spending 7 hours or more playing games on mobile. For this reason, children are lagging behind in studies while examinations are now very close. In such a situation, parents have to protect their children from mobile addiction. Because children are not only lagging behind in their studies due to playing games for so much time, but many kinds of psychological disorders are also started in them. It is also affecting the eyes. Due to lack of physical exercise, physical and mental problems have started in children. Therefore, to protect children from the addiction of mobiles, parents should use the mobiles in front of the children at least. Involve children in physical activity and focus on their socialization rather than leaving them alone. So that the children will avoid the addiction of mobiles and give good performance in the examination, as well as they will be physically and mentally healthy.
yes
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