श्री गणेश

 


श्री गणेश कथा -

           भगवान गणेश के बारे में शिवपुराण के अन्तर्गत रुद्र संहिता के चतुर्थ  खण्ड में वर्णन है कि माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपने मैल से एक बालक को उत्पन्न किया तथा उसे अपना द्वार पाल बना दिया। इस बीच शिवजी ने जब द्वार से प्रवेश करना चाहा तब उस बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से युद्ध किया परंतु उस बालक को कोई भी पराजित नहीं कर सका। इसलिए भगवान शिव ने स्वयं उसे द्वार से हटाने के लिए क्रोध में आकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं। तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ। इस कारण से देवताओं की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया। साथ ही शिवजी ने विष्णुजी को उत्तर दिशा में जाने को कहा और सबसे पहले मिले जीव का सिर काटकर लाने का आदेश दिया। इस तरह जब विष्णुजी को सबसे पहले हाथी दिखायी दिया तो वे हाथी का ही सर ले आए। तत्पश्चात मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने श्री गणेश को सर्वाध्यक्ष का दर्जा दिया एवं उन्हे अग्रपूज्य होने का वरदान भी दिया।

श्री गणेश उत्सव-

           भारत में हिन्दुओं द्वारा भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाने वाला पर्व गणेश चतुर्थी है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन से 10 दिन तक श्री गणेश जी की प्रतिमा को लोग अपने घरों व सार्वजनिक पांडालों में स्थापित कर के उत्सव मानते है। नौ दिन बाद बड़े ही धूमधाम से गणेश प्रतिमा को जल में विसर्जित कर दिया जाता है। 


भगवान गणेश के बारे में रोचक तथ्य-

# ज्योतिष्शास्त्र के अनुसार गणेशजी को केतु के रूप में जाना जाता है।

# वैदिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी करीब 10,000 साल पहले प्रकट हुए। वेदों में उन्हें “नमो गणेभ्यो गणपति” के साथ पुकारा गया।

# गणेश पुराण के अनुसार “सतयुग में दस भुजाओं वाला व सिंह की सवारी वाला विनायक रूप”, “त्रेता युग में श्‍वेत वर्ण छह भुजाओं वाला मयूर की सवारी मयूरेश्‍वर रूप”, “द्वापर युग में चार भुजाओं वाला लाल वर्ण व मूषक की सवारी वाला गजानन” व “कलयुग में दो भुजाये अश्‍व वाहन धूम्र वर्ण धूम्रकेतु रूप” |

# भगवान गणेश जी के कानों में वैदिक ज्ञान, मस्तक में ब्रह्म लोक, आँखों में लक्ष्य, दाएं हाथ में वरदान, बाएं हाथ में अन्न, सूंड में धर्म, पेट में सुख-समृद्धि, नाभि में ब्रह्मांड और चरणों में सप्तलोक विराजमान है| 

# नई दिल्ली स्थित आयरलैंड एंबेसी में प्रवेश द्वार पर ही गणेशजी की मूर्ति स्थापित की गई है।

# जापान में भगवान गणेश जी के 250 से भी ज्यादा मंदिर हैं।

# ऑक्सफॉर्ड में छपे एक पेपर के अनुसार भगवान गणेश जी प्राचीन समय में सेंट्रल एशिया और विश्व के अन्य स्थानों पर पूजे जाते थे।

# कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान गणेश जी की एक बहन भी थीं जिनका नाम अशोक सुन्दरी था।

#शिव-महापुराण के अनुसार भगवान गणेशजी  के शरीर का रंग हरा और लाल है।

# कुण्डलिनी योग के अनुसार, सात कुण्डलिनी चक्रों में से पहला चक्र, जो हमारी रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से या आधार में स्थित मूलाधार चक्र में गणेशजी का निवास स्थान है |

गणेशजी के प्रमुख 12 नाम- 

गजानन, लंबोदर, विनायक, सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक,  विकट, विघ्न-नाश,  धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र,।

भगवान गणेश से संबंधित अन्य जानकारी-

पिता- भगवान शंकर

माता- भगवती पार्वती

भाई- श्री कार्तिकेय (बड़े भाई)

बहन- अशोक सुन्दरी

पत्नी- दो (1) ऋद्धि (2) सिद्धि 

पुत्र- दो 1. शुभ 2. लाभ

प्रिय भोग- मोदक, लड्डू

प्रिय पुष्प- लाल रंग के

प्रिय वस्तु- दुर्वा, शमी-पत्र

अधिपति- जल तत्व के

प्रमुख अस्त्र- पाश, अंकुश

वाहन - मूषक


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