मोक्ष काष्ट या कंडो से शवदाह हो तो बचे हजारों पेड़

 


              पर्यावरण और पेड़ो को बचाने के लिए नागपुर में एक प्रयोग किया गया जिसमें मोक्ष काष्ट अथार्त बायोमास ब्रिकेट्स से वहां के मुक्तिधाम में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। यह पहल ईको फ्रेंडली लिविंग फाउंडेशन द्वारा की गई। इसी तरह की पहल मध्य प्रदेश में भी शुरू की गई है। साथ ही मप्र में पहले से ही कुछ जगहों पर कंडों से शवदाह हो रहा है। इन दोनों ही तरीकों से पर्यावरण और जंगलों को बचाया जा रहा हैं। इन पर्यावरण हितैषी तरीकों से शवदाह करना ज्यादा महंगा भी नहीं हैं। यह किसानों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि बायोमास ब्रिकेट्स का निर्माण नरवई से होता है जिसे किसान खेत में ही जला देते है एवं इसकी वजह से पर्यावरण प्रदुषण बढ़ता है। किन्तु अब किसान नरवई बेच कर कुछ रुपए भी कमा सकेगा। यह दोनों तरीके एक सकारात्मक पहल है जिस पर हर समाज को सोचना चाहिए क्योंकि इस तरिके से मोक्ष के साथ पर्यावरण संरक्षण भी होगा।




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