भूजल योजना के भागीदार बने

 


            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन और हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से अटल भूजल योजना की शुरुवात की है। इसका मुख्य उद्देश्य 'तकनीक के जरिए कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।' इस योजनांतर्गत प्राथमिकता वाले सात राज्यों को लिया गया है।  जिनमें मध्य प्रदेश भी है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार देश के 6584 भूजल ब्लॉकों में से 1034 ब्लॉक 'डार्क झोन' में है। इससे स्पष्ट है की जलस्त्रोतों की प्राकृतिक पुनर्भरण की क्षमता से अधिक जल की निकासी हुई है। दूसरी और लोगों को जो पानी पीने को मिलता है वह पेयजल गुणवत्ता के सभी मानकों में खरा नहीं होता अथार्त वह पीने योग्य नहीं होता है। जल की कमी एवं प्रदुषण दोनों कारणों के लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार है। किन्तु अब सरकार ने हर घर नल से स्वच्छ जल पहुंचाने का संकल्प लिया है तो हमें भी इस संकल्प का भागीदार बन कर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार आधुनिक तकनीकों के माध्यम से जल बचाएंगी तो वही हमें हमारे दैनिक जीवन में हो रही जल की बर्बादी को रोकना होगा। हर घर वाटर हार्वेस्टिंग से भूजल स्तर बढ़ाना एवं गंदे पानी की रिसाइकिलिंग करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।



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