हर शहर में खुले 'गार्बेज कैफे' ( 'Garbage Cafe' should open in every city)


स्वच्छ भारत अभियान योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से देशभर में कई तरह के क्रिएटिव प्रयास किए जा रहे है। इसी के तहत देश में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ नगर निगमों ने अनूठी पहल की है। छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर में नगर निगम द्वारा देश का पहला 'गार्बेज कैफे' खोला गया है जिसमें की प्लास्टिक कचरे के बदले में गरीबों और बेसहारा लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कैफे में एक किलो प्लास्टिक के बदले भरपेट भोजन परोसा जाता है एवं पांच सौ ग्राम कचरे के बदले नाश्ता दिया जाता है। इसी तरह का देश का दूसरा 'गार्बेज कैफे' दिल्ली तथा तीसरा गुजरात के दाहोद में है। इन कैफे में जमा होने वाले प्लास्टिक को रिसाइकिल प्रोसेस के द्वारा उपयोग किया जाता है। इस प्लास्टिक कचरे से सड़क भी बनाई गई है। प्लास्टिक वेस्ट से बनी सड़क आम सड़क के मुकाबले सस्ती और ज्यादा टिकाउ है। यदि इस तरह के 'गार्बेज कैफे' हर शहर में खोले जाते है तो इससे प्लास्टिक बीनने वालों के प्रति सम्मान प्रकट होगा और प्लास्टिक वेस्ट में कमी होगी।



With the objective of making the Swachh Bharat Abhiyan scheme a success, a number of creative efforts are being made across the country.
Under this, some municipal corporations have taken a unique initiative to curb plastic pollution in the country.
The country's first 'Garbage Cafe' has been opened by the Municipal Corporation in Ambikapur, Chhattisgarh, in which food is being provided to the poor and destitute people in exchange for plastic waste.
In this cafe, one kg of plastic food is served and snacks are given for 500 grams of waste.
The second 'Garbage Cafe' in the country is in Delhi and the third one in Dahod in Gujarat. The plastic stored in these cafes is used through a recycling process. Roads have also been made from this plastic waste.
The road made of plastic vest is cheaper and more durable than the common road. If such 'garbage cafes' are opened in every city, it will show respect for the plastic pickers and will reduce the plastic waste.


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