सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः

 


              भारतीय आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक जैसी प्राचीन चिकित्सा वर्तमान समय में भी आधुनिक चिकित्सा से कई गुना बेहतर और लाभदायक है. प्राचीन चिकित्सा पद्धति में मानव शरीर के मूल तत्वों को आधार मानकर उपचार किया जाता है. इसलिए यह चिकित्सा पद्धति शरीर की बुनियादी चिकित्सा के सिद्धांत पर कार्य करती है. आयुर्वेदिक जीवन शैली हमारे लिए इतनी अधिक कारगर और फायदेमंद है की इसे अपनाने मात्र से हमें गंभीर बीमारियों का इलाज भी बिना सर्जरी के संभव हो जाता है. यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है. यह चिकित्सा पद्धति के साथ ही जीवन और साधना पद्धति भी है. आयुर्वेद में 'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः' का भाव निहित है, अथार्त सभी सुखी और निरोगी हो. 




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