अनुबंध पर खेती

 

                           

                   अनुबंध पर खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी उपज के लिए परेशानी मुक्त उत्पादन मिलेगा. इन्हें फसल की बिक्री को लेकर परेशान भी नहीं होना पड़ेगा साथ ही फसल खराब होने पर बीमा का लाभ भी मिल सकेगा. यह उन्हें आय का एक सुरक्षित और स्थिर स्रोत प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभाएगा. किसान अपनी फसल बेचने के लिए किसी व्यक्ति या कंपनी के साथ अनुबंध कर सकेंगे. यहां तक की किसान फसल कटाई से पहले ही अपनी फसल की कीमतें और खरीदार भी तय कर सकेंगे. यह किसान और व्यापारी दोनों पक्षों के लिए फायदे वाली बात है. इसके लिए भारत सरकार एक अधिनियम आदर्श कृषि उत्पाद एवं मवेशी संविदा-कृषि तथा सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा) पारित कर चुकी है. इस कानून में राज्यों के कृषि उत्पादन विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के दायरे से बाहर रखने को कहा गया है. इस एक्ट में खेती के अलावा डेयरी, पशुपालन व मुर्गी पालन को भी सम्मिलित किया गया है. किसानों को बाजार की अपेक्षा अधिक भाव मिलेगा. कीमतों में उतार-चढ़ाव के खतरे से किसान मुक्त हो जाएगे. किसानों की आय बढ़ेगी जिससे की ग्रामीण बेरोजगारी भी दूर हो सकेगी, क्योंकि अनुबंध पर खेती में वैज्ञानिक तरीकों से किसानों को सालभर फसल लेने का अवसर मिलेगा.




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