रोजगार सृजन से सुधरेगी अर्थव्यवस्था (Economy will improve with job creation)

 



               कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन की वजह से 15 मई तक 30 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है . यह भारत की व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बनी है. जबकि इससे पहले ही भारत में नोटबंदी के कारण जो अर्थव्यवस्था पिछड़ी थी हम उसके हालत से उभरे भी नहीं थे की जीएसटी में उलझ गए और बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं सके. सरकार अर्थव्यस्था को सुधारने के लिए पेट्रोल, डीजल के दामों में वृद्धि करती है जिसका नकारात्मक प्रभाव आम लोगों पर पड़ता है जिसकी वजह से स्थिति सुधरने के बजाए और ज्यादा बिगड़ जाती है. इसलिए जरुरी है की सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करे जिससे की बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. नए रोजगार का सृजन कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए तो यह कदम अर्थव्यस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


According to the Confederation of Indian Industry (CII) report, 30 million people have lost their jobs till May 15 due to the lockdown.

This poses a big threat to India's system.

Whereas before that the economy which was backward due to demonetisation in India, we did not even emerge from its condition that we got entangled in GST and could not handle the deteriorated economy.

The government increases the prices of petrol and diesel to improve the economy, which has a negative effect on the common people, due to which the situation worsens rather than improves.

That is why it is important for the government to change its policies so that the economy can be brought back on track.

Employment should be made available to people by creating new employment

this step will play an important role in improving the economy.

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