न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर न बिके फसल
किसानों को लागत से ज्यादा मूल्य मिलने की सुनिश्चयता के लिए सरकार देश में अनाज, दलहन, तिलहन आदि प्रमुख फसलों का एक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है. खरीदार नहीं मिलने पर सरकार अपने खरीद केंद्रों के माध्यम से एमएसपी पर किसान से फसल खरीद लेती है. एमएसपी निर्धारित करते वक्त कृषि पैदावार की लागत, मूल्यों में परिवर्तन, मांग-आपूर्ति जैसी कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. इससे किसानों को अत्यधिक लाभ होता है. किन्तु वर्तमान समय में अभी सिर्फ छः फीसदी फसल ही एमएसपी पर बिकती है और 94 फीसदी किसान बाजार पर निर्भर है. परन्तु अब नए कृषि विधेयक लागू होने से कृषि मंडिया खत्म हो जाएंगी, ऐसे में किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेच ही नहीं पाएगा. एमएसपी के बिना किसानों को अत्यधिक नुकसान है और इसी वजह से किसानों ने नए विधेयक का विरोध किया. यदि एमएसपी पर किसानों की फसल बिकती है तो ही किसानों के हित में होगा.
किसानो को उनका नियत मूल्य मिलना बहुत जरुरी हैँ... आपका अच्छा प्रयास हैँ मित्र... ऐसे ही उपयोगी जानकारी हमें देते रहे......
ReplyDeleteThank u so much... 💐🙏
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