लोभ, मोह, काम, क्रोध व अहंकार रुपी असुरों का सर्वनाश करने का प्रण ले
दशहरा बुराइयों पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. अब जब घर आंगन में ही रावण पैदा हो रहे है, अथार्थ पर्यावरण को विध्वंस करने वाले लोग या आम इंसान को संकटग्रस्त करने वाले, भ्रष्टाचारी, साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने व पड़ोसी राष्ट्रों के द्वारा लगातार सीमाओें पर युद्ध जैसी स्थितियां पैदा करने वाले अनेक प्रकार के सभी लोग रावण है. इन सभी तरह के रावणों को पराजित करने का समय है. क्या हमारे अंदर भी इस तरह का कोई असुर छिपा बैठा है? यदि हां तो भारतीय संस्कृति असुरों को मारने और भगवान राम के समान बनने की शिक्षा देती है.
भारतीय संस्कृति वीरता व शौर्य के लिए पहचानी जाती है. दशहरा भगवान राम के समय से विजय प्रस्थान का प्रतीक है. भगवान राम ने रावण से युद्ध हेतु इसी दिन युद्ध भूमि में प्रस्थान किया था. भारतीय इतिहास में अनेक ऐसे हिन्दू राजा हुए है जिन्होंने इस दिन विजय-प्रस्थान किया और विजय हुए. इसलिए इस दिन हमें अपने अंदर छुपे असुर को मारने के लिए विजय प्रण लेना होगा. हमारे स्वयं के अंदर छुपे लोभ, मोह, काम, क्रोध व अहंकार रुपी असुरों का सर्वनाश करने का प्रण लेकर इस असुरों को मारकर विजयी होना हैं. इससे हर व्यक्ति भगवान राम के समान बन जाएगा और तब ही हम रावण दहन के असली हकदार भी होंगे.
Yes...... well said......
ReplyDelete:-)
Delete|| जय श्री राम ||
ReplyDeleteJai Shree Ram....
DeleteHappy dashera..
ReplyDeleteThank You...
DeleteBahut khoob..
ReplyDeleteThank You...
DeleteGood
ReplyDeleteThank U So Much......
Deleteशक्ति एवं उपासना के पावन पर्व पर शांति, सम्रध्दी एवं स्वास्थ की मंगल कामनाओ के साथ नवरात्री के अतिंम दिवस नवमी सिद्धिदात्री स्वरूप और विजयादशमी दशहरे की आपको बहुत शुभकामनाएँ।💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeletethank u... same to you....
Deleteagree...................
ReplyDeletethanks
DeleteYes Very Ture...
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