महिलाओं को कौशल विकास से जोड़े
संगठित क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों की संख्या पुरुषों की तुलना में काफी कम है. 2011 की जनगणना के अनुसार देश में पुरुष साक्षरता 82.14 प्रतिशत थी जबकि महिला साक्षरता 64.46 प्रतिशत, यानी पुरुष-महिला साक्षरता दर में 17 प्रतिशत का अंतर अब भी है. इस बड़ी खाई को भरने के लिए देश में क्रांतिकारी तरीके से आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, वंचित तबकों व किशोरियों को बुनियादी साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, कौशल विकास तथा जीवन पर्यन्त शिक्षा से जोड़े जाने की दिशा में काम करना होगा क्योंकि महिला और पुरुष दोनों समान रूप से समाज के महत्वपूर्ण अंग है. इसलिए बालिकाओं/महिलाओं को भी पुरुषों के समान कौशल विकास से जुड़ने के अवसर मिलने चाहिए. जब महिलाएं भी कौशल विकास से जुड़ेंगी तो वह भी पुरुषों के समान हर काम पूरी दक्षता और कुशलता से कर सकेंगी. इसके माध्यम से वें रोजगार, स्वरोजगार आसानी से प्राप्त कर आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी.
Good
ReplyDeleteThanks
Deletevery nice
ReplyDeletethank u
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