दीपावली पर घी के दीपक लगाना हमारी परंपरा- ओ.पी.शर्मा, उज्जैन म.प्र.

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दीपावली पर पटाखे छोड़ना हमारी परंपरा नहीं है. दीपावली के प्रारंभ को जाने तो ज्ञात होता है की भगवान श्री राम के अयोध्या लौटने पर घी के दीपक लगाने का उल्लेख मिलता है, पटाखे छोड़ने का नहीं. दीपावली के दिन ही समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ, इन्हें प्रसन्न करने के लिए विधिवत पूजन और हवन का उल्लेख मिलता है. फिर हम पटाखे जलाकर किस परंपरा को निभा रहे है?
इसके अतिरिक्त पटाखों के कारण पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचती है जिसके कारण हमें इसके दुष्परिणाम भुगदने पड़ रहे है. अतः हमें समझना होगा की हम अपने त्यौहार पर ऐसा कोई कार्य नहीं करे जिससे पर्यावरण को क्षति हो. हमें अपनी परंपरा को उसके वास्तविक रूप में ही मनाना चाहिए जिससे हमारी परंपरा की मूल पहचान स्थापित रह सके. 

-ओ.पी.शर्मा, ऋषिनगर एक्सटेंसन, उज्जैन, मप्र
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