हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को मिले 'भारत रत्न'



हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद सिंह के नाम पर देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर एथलीटों को पुरस्कार प्रदान किए जाते है। विडंबना है की आज तक यह महान खिलाड़ी देश के सर्वोच्च पुरस्कार 'भारत रत्न' पाने से वंचित है। जबकि इस हॉकी के अभूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान की कई बड़ी उपलब्धियां भी है। ध्यानचंद ने 185 मैचों में 570 गोल किए है। उनके अकेले के दम पर भारत ने हॉकी में 1928, 1932 और 1936 में ओलिंपिक स्वर्ण हासिल किया है। ध्यानचंद ने अपनी करिश्माई हॉकी से जर्मन तानाशाह हिटलर व महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन को भी अपना क़ायल बना दिया था। पिछले कई वर्षों से इस महान खिलाड़ी को भारत रत्न देने की मांग हो रही है किन्तु हर बार इस दिग्गज खिलाड़ी को अनदेखा कर दिया जाता है। जबकि सचिन तेंदुलकर के लिए नियमों में संशोधन कर उन्हें पुरस्कार दिया गया है तो ध्यानचंद को क्यों नहीं ? आख़िरकार कब तक हमारे हॉकी के जादूगर को इस सर्वोच्च सम्मान से वंचित रखा जायेगा ?

Comments

Post a Comment

hey, don't forget to follow me.
feel free to give suggestions and ideas for my next article.