वित्तीय धोखाधड़ी एवं अपराध संबंधी परिचर्चा
उन संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ (financial institution) कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं. बैंक, भवन-निर्माण सोसायटी, बीमा कम्पनियाँ, पेंशन फण्ड कम्पनियाँ, दलाल संस्थाएँ आदि वित्तीय संस्थाओं के कुछ उदाहरण हैं.
चिट फंड योजनाओं को संगठित वित्तीय संस्थाओं द्वारा आयोजित किया जा सकता है, या दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच आयोजित असंगठित योजनाओं से भी हो सकता है।चिट फंड के कुछ रूपों में, बचत विशिष्ट प्रयोजनों के लिए किया जाता है.
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हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. इसके अलावा हमारे देश में आर्थिक विषमता भी बहुत ज्यादा है, जिसके कारण समाज के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के प्रभावित होने की सम्भावना सबसे अधिक है. हाल ही के दिनों में अनेक प्रकार के आर्थिक घोटाले सामने आए हैं जैसे- चिटफण्ड, वित्तीय संस्थाओं के घोटाले.
सहकारी संस्थाओं के अलावा प्रदेश में राष्ट्रीयकृत व निजी क्षेत्र में स्थित बैंक, चिटफण्ड कंपनियों एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं, स्वैच्छिक संगठनों जैसे- ट्रस्ट, एनजीओ तथा व्यक्तियों द्वारा भी आम जनता के साथ अथवा इन संस्थाओं में भी आर्थिक अनियमितताओं एवं धोखाधड़ी करने के प्रकरण प्रकाश में आये हैं.
चिट फंड के नुकसान या धोखाधड़ी-
#केन्द्रीय अधिनियम की धारा १२ (२) के अनुसार चिट - फंड कंपनी द्वारा किसी अन्य व्यापार का संचालन पर प्रतिबंध है, जब चिट व्यापार के संचालन पर कार्य कर रहे हो, जिस्से नए खिलाड़ियों के दायरे की सीमा घट जाती है.
#कमजोर नियामक ढाँचे जो अधिनियमों, बेईमान चिट फंड कंपनियों / सदस्यों के लिए सजा के रूप में कुच नही प्रदान करते है.
#फोरमैन जिसे ' चूक ' योगदान के बिना चिट व्यवसाय चलाने का कार्य जारी रखने के लिए मजबूर कर दिया जाता है, जिस्से उसका बहुत बडा नुकसान होत है.
#चिट निवेश प्रभावित हो जाता अगर चिट जीतने के बाद विजेता गायब हो जाता है.
#चिट फंड आय को पैसा शोधन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने के संभावनाएँ बहुत अधिक हैं.
मध्यप्रदेश भी आर्थिक विषमता के कारण अन्य प्रदेशों की तरह धोखाधड़ी के अपराधों के प्रति उतना ही प्रभावित है। इस तरह के वित्तीय घोटालों के कारण देश की अर्थव्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रही है तथा निवेशकों की दृष्टि में प्रदेश की भी नकारात्मक छवि बन रही है.
वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव हेतु उपाय-
# अपने पिन नंबर और पासवर्ड को सुरक्षित रखें
# अपने पासवर्ड कभी भी फोन में स्टोर न करें
# ऑनलाइन खरीदारी के लिए मोबाइल पर्स का प्रयोगकरें
# बिना समझे निवेश न करें
# छल करने वाली ईमेल का जवाब न दें
# सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म के जोखिम से सावधान
# धोखे का शिकार बनने पर तुरंत कार्यवाही करें
वित्तीय अपराध एवं धोखाधड़ी से पीड़ित नागरिकों को क्या करना चाहिए-
वित्तीय अपराध, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी एवं सूचना का अधिकार, पुलिस मुख्यालय भोपाल, मध्यप्रदेश दोषियों को दण्डित करवाकर पीड़ित नागरिकों को न्याय दिलाने में मदद करता है. यदि आपके साथ भी इस तरह की वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो आप इस विभाग से शिकायत कर सकते हैं. ऐसी किसी समस्या के लिए आप विभाग के फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : 0755-2443022.
Very Nice...
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