मेरा संकल्प 2021

वेबसाइट My Articles (sudarshansarticles.blogspot.com) अपने यूजर्स की रचनात्मकताओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक नया प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है. My Articles द्वारा आयोजित रचनात्मक आयोजन में विषय- 'मेरा संकल्प 2021' पर रचनाएं आमंत्रित की थी. जिसमें बड़ी संख्या में रचनाएं प्राप्त हुई. सभी प्रतिभागियों को सहभागिता के लिए धन्यवाद.! प्राप्त रचनाओं में से श्रेष्ट रचनाओं का चयन कर वेबसाइट My Articles पर प्रकाशन किया जा रहा है. 

वेबसाइट My Articles (sudarshansarticles.blogspot.com) अपने यूजर्स को खुला मंच प्रदान कर रहा है. जिसमें यूजर्स अपनी रचनाएं व्हाट्सप्प नं. 777 187 8484 या 96856-94262 पर मेसेज में टाइप कर अपने नाम, पते, एवं फोटो के साथ प्रेषित कर सकेंगे. जिन्हें उपयुक्त पाए जाने पर वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा.

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मेरा संकल्प - रूढ़िवादिता को समाप्त करना


                  मेरा संकल्प 2021 बहुत ही छोटा है परन्तु इस संकल्प के माध्यम से में रूढ़िवादिता को समाप्त करने में अपनी भागीदारी निभाना चाहती हूँ. मैंने देखा है की आज भी कई समाज या जाति में दहेज प्रथा की कुप्रथा जारी है. किसी समाज ने इसका स्वरुप बदल दिया है और उसे दहेज का नाम न देते हुए अन्य नाम, कारण या प्रथा से रूपये मांगे जा रहे है. ज्यादातर लड़की पक्ष वालों से लड़के के पक्ष वाले किसी भी तरह से रुपयों की मांग करते है किन्तु अब मैंने देखा है की कई समाज में लड़की पक्ष वाले भी लड़के के पक्ष वालों से किसी न किसी प्रथा/परंपरा के नाम पर अत्यधिक रुपये मांगते है, जोकि समाज को कलंकित करने जैसा है. आज हम बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओं के नारे को सार्थक बनाना चाहते है वही दूसरी और उसके विवाह में रुपयों की मांग कर उसे लज्जित करते है. यह इसलिए भी गलत है क्योंकि हर व्यक्ति मांगे गए अत्यधिक रुपयों की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं होता है. इसलिए मेरा संकल्प है की मैं ऐसे किसी भी विवाह समारोह का निमंत्रण स्वीकार्य नहीं करूंगी जहां किसी भी तरीके से लड़के या लड़की वालों के पक्ष से रुपयों की मांग की जाती हो. इस तरह से रूढ़िवादिता पर चलने वाले हर समाज/जाति के निमंत्रण को अस्वीकार्य कर उन्हें रूढ़िवादिता से बाहर निकालने का काम करूंगी. साथ ही मैं इस तरह की रूढ़िवादिता को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करने में अपनी भूमिका भी निभाऊंगी.

-डॉ. मोनिका सोलंकी, मनावर, धार, मप्र

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मेरा संकल्प - निर्धन व पिछड़ी बालिकाओं को शिक्षित करना


                  शिक्षा जीवन का बहुमुल्य धन है। शिक्षा के बिना जीवन का अर्थ कुछ भी नही है।आज भी हमारे देश मे नारी शिक्षा की कमी है।ऐसा कहा जाता है की एक बालक शिक्षा गृहण करता है तो सिर्फ एक व्यक्ति शिक्षित होता है लेकिन अगर एक बालिका शिक्षित होती है तो एक पुरा परिवार शिक्षित होता है। मप्र में बालिका शिक्षा का प्रतिशत अब भी कम है। 

2020 एक ऐसा साल रहा है जिसने जीवन जीने की दशा और दिशा ही बदल दी है। कोरोना काल एक भयावह काल रहा है जिसमे मानवता ने सिसकी ली है साथ ही साथ हौसले ने फिर से उठ खडे होने का संकल्प मानव जाति को दिया है।

इस काल मे कई नौकरियां गयी। कई परिवार टूटे ।बाज़ार व्यापार थरथराया लेकिन सिर्फ संकट से भिड़ने का जज्बा ही काम आया। इस बदलते दौर मे जरुरी है कि हर घर मे हर बालिका शिक्षा गृहण करे और अपने परिवार को शिक्षा के मन्त्र से संयम और ढाढ़स बंधाएं। अर्थिक समाजिक और आत्मिक स्तर को इस दुर्दम्य काल मे जीवटता से निभाने के लिये मूल मन्त्र है बालिका शिक्षा।

27 वर्षो के कॉलेज अध्यापन मे बहुत सारी छात्राओ को पढ़ाते वक़्त एक नयी सोच जिसमे उनका आत्मनिर्भर होना और साथ ही घर को घर बनाये रखने की कला को सिखाना ही मेरा उद्देश्य है। विज्ञान और अध्यात्म का मिश्रण ही हमारे भारतीयता का प्रमाण है। दोनो ही एक दुसरे के बिना अधुरे है।

अध्यापन की प्रज्ञता और विवेक को हमारे विषय ज्ञान के अलावा हम इस नयी पीढी को असल मे अपना अनुभव बाटें  और शिक्षित करे यही 2021 का मेरा संकल्प है।

अभी 2020 मे कई बस्तियों मे बालिकाएं जो दूसरो के घर मे घरेलू काम करती है उन्हे उनके कार्य करते हुए शिक्षित करना ही मेरा एकमात्र संकल्प है। उनकी अर्थिक समस्याओं के कारण वह घरेलू काम नही छोड सकती लेकिन उन्हे उसके बाद शिक्षित करना हमारे शिक्षित होने का उदाहरण होगा।

सर्वे भवन्तू सुखिन : की भावना को संकल्पित करने के लिये हमारे घर मे और आस पास की बस्तियों मे काम करने वाली नारी शक्ति को गढ़ना 2021 का मेरा संकल्प है।

-डॉ. ऋषिना नातू, प.म.ब. गुजराती विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर, मप्र

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मैंने लिया है अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने का संकल्प

एक महिला की मुख्य जिम्मेदारी अपने घर परिवार को सुव्यस्थित करना और हर रिश्ते पर खरा उतरना होता है, जैसे एक अच्छी बेटी, पत्नी, माँ  इत्यादि. इन सभी भूमिका का सही से निर्वहन करना ही भारतीय नारी की पहचान रही है. चूंकि मैं स्वयं भी मां हूँ और हर मां की तरह में भी अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ. मेरे द्वारा मेरे बच्चों की अच्छी परवरिश मेरी प्राथमिता है. मैं अपने बच्चों के लिए ठीक वैसे बनने का संकल्प लेती हूँ जिस तरह से वह हमेशा मुझसे खुश रहे.

आज की नारी ने अब अपना दायरा बड़ा लिया है. अब वह घर परिवार के साथ-साथ समाज सेवा से भी जुड़ने लगी है. इसके अतिरिक्त अब महिलाएं आत्मनिर्भर भी हुई है क्योंकि वे अपने रोजगार/स्वरोजगार से न सिर्फ अपने बल्कि अपने पुरे  परिवार को आर्थिक मजबूती भी प्रदान कर रही है. यहीं सब जिम्मेदारियां मैं भी निभा रहु हूं और स्वयं को गौरवांकित महसूस करती हूं क्योंकि इन जिम्मेदारियों के सही से निर्वहन से मुझे खुशी मिलती है.

मेरा 2021 का संकल्प भी यहीं है की मैं अपने घर परिवार के साथ-साथ समाज सेवा का कार्य भी ओर बेहतर तरीके से करू जिससे की हर जरुरतमंद को मदद मिल सके. चूंकि मैं अपना स्वयं का व्यवसाय भी कर रही हूं इसलिए इस सभी कार्यों को एक साथ करने करने में कई बार अनेक तरीके की कठिन समस्याएं आती है जिससे की कभी कभी कोई कार्य छोड़ना पड़ता है. किंतु अब मैंने संकल्प लिया है की मैं इन सभी कार्यों को बेहतर तरीके से निभाउंगी. इन सभी जिम्मेदारीयों को निभाते हुए चाहे जितनी कठिन चुनौतियाँ या कठिनाईयां आए मैं उन सब का डटकर मुकाबला करुँगी.

-डाइटीशियन, प्रिंसी जैन दानी, जैन होम बेकरी, दमोह, मप्र

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संकल्प

सोच रहीं हूं मैं, खुद से कर लूं एक संकल्प

पर ना जाने मन में है कितने विकल्प।

विकल्प को चुनकर,

संकल्प को बुनकर,

दढृ कर दिया एक विकल्प,

पूरा हो मेरा संकल्प।


संकल्प ऐसा ठान लिया,

जीत निश्चित यह मान लिया।

नयी सोच नया संकल्प,

2021 मै नहीं रहेगा कुछ अल्प,

2021 मै नहीं रहेगा कुछ अल्प।


करना पूरे अपने संकल्प

सभी के पास है बहु विकल्प।


संकल्प से सम्मान तक,

गुण से गुणवान तक,

सुन्दर सोच से नवाचार धरे,

अपने संकल्प पूरे करें।


पूरा होगा जब संकल्प

तब जीवन बनेगा कल्प वृक्ष,

सभी के पास है बहु विकल्प।


देश मेरा बनें महान्

संकल्प से मिले सम्मान।

संकल्प से मिले सम्मान।।

-डॉ. स्मिता श्रीवास्तव

प.म.ब. गुजराती विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर, मप्र

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नए वर्ष में मैं ले रही हूँ कई संकल्प  

             नया वर्ष सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, लोग पूर्व वर्ष की असफलताओं को भूलते हैं और नए वर्ष में नई जिंदगी का शुभारंभ करते है. नया वर्ष हम सभी को एक अच्छा अवसर प्रदान करता है जिससे हम सभी को अपनी नई शुरुआत करने का अवसर प्राप्त होता है.

          मेरे लिए नए साल के संकल्प का अत्यधिक महत्व है और मैं इस न्यू ईयर पर ऐसे संकल्प लेना चाहती हूं जो मैं पूरा कर सकूं मेरे द्वारा लिए गए संकल्प शायद इतने बड़े ना हो लेकिन मेरे जीवन के लिए अभी यही संकल्प लेना सही है जिन्हें मैं पूरा कर सकूं. नए वर्ष मैं में ले रही हूँ यह संकल्प-

1)  बदलाव को स्वीकार करना -  मैं अपने जीवन में बहुत जल्द बदलाव स्वीकार नहीं कर पाती हूं पर अब इस आदत को बदलने का संकल्प लेती हूं क्योंकि मेरी मम्मी कहती हैं कि बदलाव जीवन को एक नई दिशा देता है.

2) नए हुनर को सीखूंगी- अपनी रूचि के कार्यों के अतिरिक्त मैं नया सीखने की कोशिश करूंगी इस बात का संकल्प लेती हूं कि अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर नई चीजों को सीखने की कोशिश करूंगी.

3) रोज ध्यान और व्यायाम करूंगी- मैं अपनी भावनाओं और विचारों को बैलेंस और कंट्रोल करने के लिए ध्यान करूंगी और अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान दूंगी इस वर्ष अपने वजन को कम करने का संकल्प लेती हूं.

4) जल्द उठूंगी और अनुशासन को अपनाउंगी-  अभी मुझमें इनका अभाव है परन्तु इस वर्ष यही संकल्प लेती हूं कि वर्ष 2021 में मैं यह कर दिखाऊंगी और अपनी मां की हर बात भी मानूंगी ताकि उन्हें खुश रख सकूँ.

5) अपनी रूचियों को पूरा करूंगी- अपनी फैशन और अन्य रुचियां जो वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पूरी नहीं हो पाई अपनी उन रुचियों को अब पूरा करूंगी जैसे फैशन डिजाइनर बनने का सपना एवं इस फील्ड में अपनी पहचान स्थापित करना.

              मेरे इन संकल्पों को पूरा करने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगी क्योंकि यह सिर्फ संकल्प या लक्ष्य नहीं है बल्कि यह मेरे जीवन के वो सपने हैं जो मेरी मां ने मेरे लिए देखें हैं इसलिए इन्हें इन्हें मैं अवश्य ही पूरा करूंगी.

साथ ही आशा करती हूं कि सभी के लिए वर्ष 2021 मंगलमय और शुभ हो....

-राजकुमारी रघुवंशी, पिपलियाहाना, चौहान नगर, इंदौर, मप्र

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उम्मीदें

रंग बिरंगी उम्मीदों से, अब बच्चे आगे बढ़ते है ।

नव उमंग के संग वे, अब अपने सपने गढ़ते हैं ।

सपने को वे लक्ष्य बनाकर, अपना लक्ष्य पूरा करते हैं ।

लक्ष्य पूरा होते ही, वे रंग बिरंगी चाहत धरते हैं ।।


चाहत पूरी हों ना हो, पर लक्ष्य पूरा करना उनका कर्म।।

कर्म का फल ना चाहना यही है उनका धर्म ।।


एक लक्ष्य हो बालक अपना, यह सोच सदा तू रखना।।


उम्मीदों को पार करेंगे,

पूरा होगा सपना।।


संकल्प निश्चय कर लेना बालक।

खुश होंगे सब के पालक

खुश होंगे सब के पालक।।


-कृष्णा जोशी

प.म.ब.गुजराती विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर, मप्र 

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नए वर्ष को बेहतर बनाने के लिए ले रही हूँ संकल्प 

अपने क्रोध पर काबू रखूंगी- नव वर्ष 2021 में सबसे पहले मैं अपने क्रोध को काबू करना सीखूंगी। कभी भी क्रोध में आकर कोई भी कार्य नहीं करूंगी। क्योंकि क्रोध में कोई भी कार्य करने से हमें हमेशा हार और नुकसान का सामना करना पड़ता है। 

अपने लक्ष्य पर केंद्रित होने का प्रयास करूंगी- हमारा ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए, उसे पाने के लिए नई नई योजनाएं और नए नए तरीकों का प्रयोग करना चाहिए। इसलिए मैं अपने लक्ष्य पर केंद्रित होने का प्रयास करूंगी।

नकारात्मक का त्याग करूंगी- इस वर्ष में मैं अपने अंदर की नकारात्मकता का त्याग करूंगी। क्योंकि हमेशा नकारात्मक सोचने से हमें नकारात्मक परिणाम ही प्राप्त होते है | नए वर्ष में मैं सकारात्मक जीवन जियूंगी।

माता-पिता की सेवा करुँगी- नव वर्ष पर मैं यह संकल्प लें रही हूँ की अपने माता पिता का कहना मानूंगी, उनकी सेवा करें क्योंकि माँ और पिता के चरणों में ही ईश्वर निवास करते  है।

स्वयं के लिए समय निकालूंगी- आज की भागादौड़ी भरी जिंदगी में हम खुद के लिए थोड़ा सा भी समय नहीं निकाल पाते। हम हमेशा खुद को काम में व्यस्त रखते हैं। लगातार काम करने से काम का तनाव हम पर हावी हो जाता है। इससे हमारी ज़िन्दगी कटती है हम ज़िन्दगी का लुत्फ़ नहीं उठा पाते। इसलिए मैं खुद के लिए भी समय निकालूंगी।

समय का सदुपयोग करूंगी- एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने समय का इस्तेमाल करके करोड़पति बन जाता है तो वही एक गप्पेमार दिनभर गप्प ही मारता रहता है. इसलिए मैं अपना टाइम वेस्ट करने से बचूंगी.

-शिखा लाड, इंदौर, मप्र

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मैंने लिया बुरी आदतों को त्यागने का संकल्प


             वर्ष 2020 अलविदा हो चूका है एवं नए 2021 का आगमन हुआ है, सर्वप्रथम आप सभी को नए वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं.....

आने वाला हर नव वर्ष बहुत सी उम्मीदें, आशाएं लेकर आता है और बहुत से लोग हर बार नव वर्ष पर संकल्प करते हैं किन्तु हर कोई अपने संकल्प पुरे नहीं कर पाता है.

हमनें देखा की बीते वर्ष  2020 में वैश्विक महामारी COVID-19 से हर व्यक्ति को अत्यधिक आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक क्षति हुई है. मुख्य तौर पर मज़दूर वर्ग को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है.

नव वर्ष में हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए और उस मुकाम को पाने के लिए हर प्रकार की कोशिश करनी चाहिए, जो हम बीते वर्षों में प्राप्त नहीं कर पाए है. 

मेरे लिए नए साल के संकल्प का बहुत महत्व है और मैं न्यू ईयर पर ऐसे संकल्प लेना चाहता हुँ, जिन्हें मैं पूरा कर सकूँ, लोग मुझे आदर सम्मान दे और मुझसे खुश रहें, मैंने सबसे बड़ा संकल्प खुद को सभी बुरी आदतों से दूर करने का लिया है, क्योंकि बुरी आदते हमें और हमारे समाज को दूषित करती है। इसलिए मैं अपनी सभी बुरी आदतों को इस नए वर्ष में त्यागता हूँ एवं अच्छी आदतों को अपनाने का संकल्प लेता हूँ।

-शैलेन्द्र सिंह चौहान, जगदीश पूरी कॉलोनी, इंदौर, मप्र

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 नव वर्ष सपना दिखा रहा

नये वर्ष का, स्वागत करता

मन विभोर हो रहा ।

 नव नूतन, श्रृंगार सजाता 

वह सबको लुभा रहा ।

विगत वर्ष की - कटु यादों पर वह

निर्मल मलहम लगा रहा ।

आया है , नई खुशियां ले 

सपनों को दिखा रहा ।

हाथ जोड़ , नमन करना

सबको सिखा रहा ।

मास्क बिना , बाहर मत निकलो

 जीने के ढंग बता रहा ।

वृद्ध-बाल , घर के अंदर ही

जीवन जीना सिखा रहा ।

कोरोना , हारेगा हमसे

यह रंग ढंग बता रहा ।

-उषा सक्सेना, भोपाल, मप्र 
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बुराई को जड़ से मिटाना होगा


                   किसी नगर में एक आदमी रहता था उसके आंगन में एक पौधा था जो कुछ दिनो बाद बड़ा हुआ और उस पर फल लगने लगे. एक बार एक फल पककर नीचे गिरा जिसे एक कुत्ते ने खा लिया।जिससे उसके प्राण निकल गए। इसे देख एक व्यक्ति ने सोचा की अवश्य ही कोई बात होगी जिससे कुता मर गया, परन्तु उसनेे पेड़ के फल पर ध्यान नहीं दिया। कुछ समय बाद वहां से एक बालक निकला. फल देखकर बालक के मन में लालच आ गया और उसने किसी तरह फल तोड़कर खा लिया। फल को खाते ही उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना को देख उस व्यक्ति को समझ में आ गया कि यह पेड़ ज़हरीला पेड़ है। इसलिए उस व्यक्ति ने  कुल्हाड़ी ली और वृक्ष के सारे फल काटकर गिरा दिए। थोड़े ही दिन बाद पेड़ में फिर फल लग गए। लेकिन इस बार पहले से भी ज्यादा बडे फल लगे थे। व्यक्ति ने फिर कुल्हाड़ी से फल के साथ-साथ शाखाओं को भी काट दिया। किन्तु कुछ ही दिन बाद पेड़ फिर फलों से लद गया इससे वह व्यक्ति परेशान हो गया। जब उसने इसका समाधान खोजा तो पाया की जब तक पेड़ की जड़ रहेगी तब तक पेड़ बना रहेगा और उसमें फल आते रहेंगे। यदि पेड़ की जड़ को कांट दे तो फल आना बंद हो जाएगे. इसलिए उसने कुल्हाड़ी लेकर पेड़ की जड़ को काट दिया और हमेशा के लिए चिंता मुक्त हो गया। इसी तरह बुराई की ऊपरी कांट छांट से वह नहीं मिटती, उसे तो उसकी जड़ से मिटाना चाहिए. जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा, मनुष्य को जहरीला बनाने वाले फल आते रहेंगे।
-करिश्मा परदेशी, महू, इंदौर, मप्र
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