कविता (Poem)
वतन मेरा महान
स्वतंत्र देश हैं मेरा,मेरा वतन महान्,
अनेकता में एकता है, इस देश की शान।
शान इसकी रंगीन हैं, तिरंगा यहां का मान,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाओ, सुन्दर लगे ज़हान,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाओ, सुन्दर लगे ज़हान।
शुभ संकल्प नव खोज से नित करो तुम ध्यान,
मानवता का पाठ पढ़ो ,करो वीर सा बलिदान,
मातृभाषा, मातृभूमि, हैं जहां की जान,
रक्षा करना धर्म की फर्ज तेरा महान्,
जान हैं, ज़हान है, सौन्दर्य की खदान,
ऐसा सैन्य शौर्य यहां का ऐसी सैनिक की शान,
रक्षा करना हर धर्म की कर्म तेरा महान्,
विजयी विश्व धर्म तेरा, हो जग का कल्याण,
सत्यता, पवित्रता, वीरता पहचान,
वतन मेरा स्वर्णिम हैं, स्वर्णिम यह हिन्दुस्तान,
अनेकता में एकता हैं इस देश की शान।
जल बचाओ, पेड़ लगाओ, बेटी बचाओ, बेटी को पढ़ाओ
कथन में महान, ऐसा मेरा वतन है, वतन मेरा महान।
-कृष्णा जोशी, इन्दौर, मध्यप्रदेश
जय हिन्द जय भारत
ReplyDeleteJai Hind.. 💐🙏
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