कविता- सुंदर पर्यावरण
सुंदर पर्यावरण
पर्यावरण , प्रकृति
सुन टहनी, सुन पत्ती, सुन वृक्ष की शाखा,
बनाना होगा वृक्ष को तुझे विशाल और विशाखा।
वृक्ष बड़े तो लगे सुन्दर, सुन्दर लगे नज़ारा,
मन देख प्रसन्न होता, जग का यही सहारा,
सहारे की रक्षा करना अब यह धर्म हमारा,
वृक्ष, प्रकृति,और संग से, जग लगता है न्यारा।
पर्यावरण की रक्षा में योगदान हो सभी का सारा,
जल, प्राणी,और मानव से,
शुद्ध वातावरण की बहे धारा,
स्वच्छ आवरण, सुन्दर पर्यावरण,
देश की हैं आशा,
इसे पूरा करना फर्ज हमारा ,सब की है अभिलाषा।
परिवार में मुखिया होता बड़ा वंदनीय,
देश के लिए सुन्दर पर्यावरण होता बड़ा प्रशंसनीय।
ऐसे सुन्दर हो सब के विचार
सब पाए सत्य आधार..!
-कृष्णा जोशी, इन्दौर, मध्य प्रदेश
Nice
ReplyDeleteThank U.. 💐🙏
ReplyDelete