कविताएं- कृष्णा जोशी, इन्दौर, मध्य प्रदेश

 

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जल

जल बिन जीवन नहीं यह तु जान,

जल का ना कर अपमान,


जल संरक्षण का रखो ध्यान,

संकल्प लें और सदैव यह मान,

जल से जीवन सुंदर बनाओ,

नदियों की रक्षा कर पाओ,


बूंद बूंद से सागर बनता,

जल से ही जीवन है संवरता,

जल ही है जीवन जान यह जन,

बूंद बूंद बचाएंगे कर लें यह प्रण।

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गौरैया

गौरैया कहां छुप गयी तुम,

लगता जैसे रुठ गयी तुम,


आकाश लग रहा सुना सपट,

गौरैया उडो जल्दी झपट,


तुम्हारे बिन गगन अधूरा,

उड़ने का सपना हो सबका पूरा,


गौरैया फिर से दिख भी जाओ,

गगन में उड़ती हमें नज़र आओ।


भारत सोने की चिड़िया कहलाएं,

फिर देश में क्यूं गौरैया नजर ना आए ?

गौरैया रक्षा की  जिम्मेदारी है लेना  

पंख फैलाए इन्हें उड़ने है देना।

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