प्रकृति से ना करें शरारत: कृष्णा जोशी, इन्दौर

प्रकृति से ना करें शरारत,

 होगी मानवता से बगावत।

ना करें इससे छेड़छाड़,

देखो छा रहा अंधकार।


विकास बन गया मानवता का अभिशाप

भयावह नतीजा देख रहे आप।


ऋषि मुनियों का  यही संदेश,

प्रकृति बचाएं यही विशेष।

महापुरुषों का चिंतन ज्ञान

देश का बढ़ाएं यह सम्मान।


वृक्षों की ना करें कटाई,

शुद्ध वायु देते यह भाई।

कृष्णा कहें सुधारों आदत,

प्रकृति से ना करो शरारत।

***


कृष्णा जोशी

इन्दौर (मध्यप्रदेश)

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