संविधान दिवस विशेष (कविता)- कृष्णा जोशी, इंदौर


हमारा संविधान

*सबसे न्यारा सबसे प्यारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*


*डा भीमराव  इसके निर्माता,*

*जीवन का जो हक दिलवाता।*


*जन जन का जो आज सहारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*


*दीन दुखी को सुख का दाता,*

**महिला को हक सभी प्रदाता।*


*खुशियों का है एक पिटारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*


*निर्माता था भीम राव दल,*

*गौर हरि सिंह जिसे थे संबल।*


**जिसमें अनुभव उनका सारा।*

*संविधान दिवस अति प्यारा।*


*रहने शिक्षा की आजादी,*

**पहनो सूती रेशम खादी,।*


*इसमें धारा बदल सहारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*


*बदली हमने कुछ धाराएं,*

*जिनसे पनपी थी बाधाएं,*


*बाधाओं को हमने मारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*


*अमन चैन अब काश्मीर में,*

*सिमटे सब भारत लकीर में,*


*दुनिया भर में सबसे न्यारा।*

*श्रेष्ट है संविधान हमारा।*



*डाॅ.कृष्णा जोशी*

*इन्दौर मध्यप्रदेश।*

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