सावित्री बाई फुले जयंती विशेष



देश की पहली महिला शिक्षक सावित्री बाई फुले का जन्म आज के ही दिन 1831 में हुआ था. वे समाज सुधारक, शिक्षिका व कवयित्री थी. मात्र 13 वर्ष की आयु में इनका विवाह हो गया था. इन्होंने बाल विवाह और सती प्रथा जैसी सामाजिक बुराईयों को खत्म करने के प्रयास किए. साथ ही इन्होंने महिला शिक्षा और लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले. इन्होंने जाति प्रथा को खत्म करने जैसी चुनौतिपूर्ण लड़ाई लड़ी.

हमारे समाज की हर महिला सावित्री बाई फुले की तरह प्रतिभावान है. जब भी हमारे समाज की महिलाओं को अपनी योग्यता, प्रतिभा, विशेषता, उनके द्वारा किए गए नवाचार, समाज सुधार के प्रयत्न, अपनी जिम्मेदारीयों का निर्वाहन इत्यादि कई तरह के कार्य वे बड़ी ही कुशलता पूर्वक सम्पन्न करती है. स्पष्ट है की हमारे समाज की महिलाएं सावित्री बाई फुले की तरह ही है बस हमें उन्हें सही प्लेटफार्म और अवसर उपलब्ध कराने होंगे.

मुझे गर्व है की हमारे मनावर की महिला तहसील अध्यक्ष डॉ. मोनिका खेड़ेकर के नेतृत्व में महिलाओं को आगे बढ़ाने, समाज में पहचान और सम्मान दिलाने का कार्य बखूबी किया जा रहा है.

आगे भी महिलाओं को अवसर और सम्मान दिलाने के लिए बलाई समाज महासंघ तहसील इकाई मनावर इस तरह के कई प्लेटफार्म और आयोजन आयोजित करने के लिए कटिबद्ध है.


- दिलीप सोलंकी, संरक्षक, मप्र बलाई समाज महासंघ, तहसील इकाई- मनावर, धार

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