कविता- अहंकार का त्याग


अहंकार का त्याग करें।

आदर्शों को ध्यान धरें।।


बौद्धिकता से कर्म करें।

गुरूजनों का मान  करें।।


मात -पिता से बड़ा ना कोय।

विनम्रता से सबकुछ होय।।


सज्जनता से दें परिचय।

वार्ताओं में ना हो अभिनय।।


पुण्य धरा को ध्यान धरें।

अहंकार का त्याग करें।।


मृदुल वाणी मान दिलाएं।

अभद्रता सम्मान घटाएं।।


बौद्धिकता से विस्तार बढ़े।

विनम्रता से शिखर चढ़े।।


धैर्यता का जो धन पा लें।

जीवन आनंदमयी बितालें।।


श्रद्धा से पाते मोक्ष वही।

अहंकार का त्याग सही।।


 करना नही  कभी अभिमान।

कृष्णा की अब बात लो मान।।


*डाॅ कृष्णा जोशी*

*इन्दौर मध्यप्रदेश*

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