कविता (गंगा दशमी विशेष)
मां तुझे नमन
बड़ा प्रसिद्ध मां गंगा नाम।
नमन तुम्हे मां सुबह-शाम।।
प्रयाग से जुड़ा हुआ बंधन।
तुझसे ही है जग में चमन।।
माॅं तू हिमालय से है निकलती।
सुंदर स्वरूप आकार बदलती।।
गंगा जल सा पवित्र कहाॅं पाऊं।
गंगा संरक्षण संकल्प निभाऊ।।
अभियान सदैव चलाएंगे हम ।
नदियां स्वच्छ बनाएंगे हम।।
गंगा भागीरथी अनेक हैं नाम।
तुझको कोटी कोटी प्रणाम।।
गंगा स्नान से धुलते सारे पाप।
नमामि गंगे कृष्णा करें यह जाप ।।
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*डाॅ कृष्णा जोशी*
*इन्दौर मध्यप्रदेश*
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार जी 👏👏👏👏
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