अराजकता- इंदिरा कुमारी

 



चल कलम जरा नजर घुमाएं

यह अराजकता कैसी श्रीलंका पर

भवन घिर गया राष्ट्रपति का

पडे़ चोट यह डंका पर।


जन जन की समस्या समझकर

चलानी पड़ती कानून व्यवस्था

तीक्ष्ण बुद्धि लगे जब सबपर

तब ही चलती देश की सत्ता।


आर्थिक मुद्दा अहम दुनिया में

है वही व्यापार आधार

टैक्स फ्री कर देने से

चले नहीं देश का बाजार।


अर्थ के डोरों से बंधकर

देश करता है विकास

थामनेवाले संभलकर थामें

है लटाई उनके पास।


आयात,निर्यात,महामारी

सबका रखना पड़ता ध्यान

पल पल देख करें निरीक्षण

सभी का लें सदैव संज्ञान।


नियंत्रण से ही दुनिया चलती

जाएं चाहे हम चन्द्रमा पर

सतर्क रहें हम संयम,विवेक संग

वरना आंच पडे़गी गरिमा पर।

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