रामसेतु: कृष्णा जोशी, इन्दौर
रामसेतु बन गया है सदा तैयार ।
देश भर में बढ़ रहा राम नाम से प्यार।
राम नाम से प्यार है ,
खोज ले वहीं बस श्री राम।
राम नाम है सही क्यूं ना जपे राम ।।
जीवन नैया पार करें,
करें बेडा पार।
राम, राम सब कहें , सुबह-दोपहर-शाम ।
राम नाम से शुभ है,
शुभ है सारे धाम।
राम स्नेह बड़ रहा ,
बनते सारे काम ।।
जब जागो तभी सवेरा ,
और बड़ी हो सोच।
चारों और राम नाम की ,
चल रही हैं खोज ।।
तु भी बन्दे राम नाम लें क्यूं हो गया गूम?
मान दो सम्मान लो ,
राम नाम की धूम ।
मर्यादा में ही रहे ,
पुरुषोत्तम श्री राम ।
नित संघर्ष जीवन सह ,
त्याग सिखाये राम ।।
भाव ज्यादा से ज्यादा,
राम जी से सिखिए ।
जीवन भर मर्यादा ,
पुरुषोत्तम पर लिखिए ।।
राम प्रेम सबके प्रति देखो कितना जागा,
डोर एसी बंधी रहें कभी ना टूटे प्रेम का धागा।
राम राम जप ले सदा राम बसाओ मन,
राम से बड़ा नहीं जग में कोई धन।
तो क्यूं ना फिर एक संग कहें राम राम राम
राम नाम जप से बड़ा ,
कुछ नहीं हैं काम।
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कृष्णा जोशी, इन्दौर (मध्यप्रदेश)
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